नई दिल्ली, (हि.स.)। राजनीति को यूं तो समाजसेवा से जोड़कर देखा जाता रहा है, किंतु अब यह धीरे-धीरे ऐसे पेशे में तब्दील हो गई है जिसमें किसी डिग्री, डिप्लोमा की दरकार नहीं है। नतीजतन, धन बल, बाहुबल के बूते कइयों नेता बन राजनीति के अखाड़े में उतरते आ रहे हैं। ऐसे में संघ परिवार और भाजपा से जुड़ा एक संस्थान बकायदा नेता गढ़ने का पाठ्क्रम शुरु करने जा रहा है।
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