सड़क से संसद तक पहुंचने की नेतागिरी अब क्लासरूम में पढ़ाई और सिखाई जाएगी। इस कोर्स को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी संस्था ने मुंबई से सटे उत्तन में शुरू किया है। नेतागिरी पर इसे देश का पहला पीजी कोर्स बताया जा रहा है। इसका नाम पोस्ट ग्रेजुएशन इन पॉलिटिकल लीडरशिप एंड गवर्नेंस है। यह कोर्स 9 महीने का है…
– नेता बनने के लिए पहले ही बैच में कुल 32 युवाओं ने दाखिला लिया है। इनमें एमबीए से लेकर आईआईटीयन्स तक शामिल हैं। यह कोर्स 9 माह का है, इसकी कुल फीस ढाई लाख रुपए है।
– संघ की संस्था रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेटिक लीडरशिप (आईआईडीएल) में नेतागिरी के पहले बैच की पढ़ाई बुधवार से शुरू हुई। इसमें महाराष्ट्र के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश के युवा शामिल हैं।
– पश्चिम बंगाल के अरित्र चट्टोपाध्याय एमबीए हैं। पुणे में मैकेनिकल इंजीनियर के तौर पर काम कर चुके हैं। अरित्र अब नेता बनकर पूर्वोत्तर राज्यों के विकास में योगदान देना चाहते हैं।
– हैदराबाद के प्रवीन चंद्र पिडीशेट्टी अपने दादा और नाना की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए नेता बनना चाहते हैं। उनके नाना और दादा कभी राजनीति में थे, लेकिन इनके बाद परिवार में कोई राजनीति में सक्रिय नहीं हो सका। इसलिए उन्होंने इस कोर्स में दाखिला लिया है।