आशाओं और आकांक्षाओ से भरा युवा भारत अब GDP मूल्य के हिसाब से विश्व का पाँचवा बड़ा देश बन चुका हैं। विश्व के व्यापार मेंएक समय तीस प्रतिशत योगदान देने वाला भारत आक्रांताओं की ग़ुलामी से निकल कर जब वापस अपने सम्मान और विश्व में अपनेस्थान को प्राप्त करने कि ओर बढ़ रहा हैं तो देशवासियों का मनोबल और उत्साह बढ़ना स्वाभाविक ही हैं। देश में विश्वस्त नेतृत्व औरबढ़ते अवसरों ने जहाँ युवाओं को हौसला दिया है तो वहीं तेज़ी से बदलती टेक्नॉलजी और सोशल मीडिया के प्रभाव ने उड़ानो को पंख।
परंतु देश आज भी अपनी पुश्तैनी समस्याओं से झूँझ रहा है। भूखमरी की समस्या जहाँ आज भी देश के ७० साल की आज़ादी के मायनोपर सवाल उठती है, वहीं भ्रष्टाचार और गंदगी की समस्याएँ देश के विकास में रोड़ा बनी हुईं हैं। एक तरफ़ जहाँ हमारा समाज आज भीसम्प्रदायवाद और जातिवाद से ग्रसित है तो विश्व भर को चुनोती दे रहा आतंकवाद भारत की भी एक विशाल समस्या बना हुआ हैं।
ऐसे परिप्रेक्ष्य में जहाँ आज का युवा विकास की दिशा से आश्वस्त हैं वहीं परिवर्तन की गति से बेचैन। वैश्वीकरण के पश्चात देश में मुक्तबाज़ार युग में जन्मा युवा जो आज रोज़गार में हैं या स्वयं के व्यवसाय में पर टेक्नॉलजी एवं सोशल मीडिया के ज़रिए पूरे विश्व से जुड़ाहुआ हैं वो दशकों से उपेक्षित विकास के backlog को देखकर बेचैन और उत्तेजित हैं। देश में बदलाव और विकास की प्रक्रिया में अब वोस्वयं शामिल होना चाहता हैं। २०१२-१३ के भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन से लेकर MyGov और स्वच्छता जैसी सरकार की पहलों मेंयुवाओं की बढ़ती भूमिका इसी बात का ध्योतक हैं की आज का युवा देश के विकास में अपनी भागीदारी को लेकर न सिर्फ़ सजग हैंबल्कि उसमें वह अपने लियें career के option भी ढूँढ रहा हैं। नीति और शोध में रुचि रखने वाले युवा जहाँ नीति आयोग और MyGov जैसे संस्थानो में अपने लिए अवसर तलाश रहे हैं वहीं राजनीति में रुचि रखने वाले युवा अपने आप को चुनावी रण के लिए तैयार कर रहे हैं।
परंतु पॉलिसी के क्षेत्र में जाने वाले युवाओं के लियें जहाँ ओपचारिक पाठ्यक्रम और प्रशिक्षण देने वाले कई संस्थान उपलब्ध हैं लेकिनराजनीति में रुचि रखने वाले युवाओं के लियें अब तक ऐसा कोई उपयुक्त प्रयास नहीं हुआ था।
समूचे दक्षिण Asia में राजनेताओ के प्रशिक्षण के लियें बनी अपनी तरह की एकमात्र संस्थान रामभाऊँ महालगि प्रबोधिनि ने जब गत वर्षराजनीति में आने वाले युवाओं के प्रशिक्षण के लियें अपने केंद्र भारतीय जनतांत्रिक नेतृत्व अकादमी द्वारा एक वर्षीय post graduate programme in leadership politics and governance शुरू किया।
राजनीति में आने की इच्छा रखने वाले युवाओं के प्रशिक्षण के लियें अपनी तरह का यह पहला प्रयोग था और स्वाभाविक हैं की वह पूरेवर्ष अख़बारों और न्यूज़ चैनलो में चर्चा का विषय बना रहा ।
कोर्स के एक छात्र विदिशा मध्य प्रदेश के योगेन्द्र सिंह ठाकुर के हिसाब से इस कोर्स ने। योगेन्द्र और आदित्य आजकल मध्यप्रदेशभाजपा के अध्यक्ष और संगठन मंत्री के साथ उनके राजनीतिक सहयोगी की तरह काम करते हुएँ मध्यप्रदेश चुनावों में सक्रिय भूमिका निभा रहें हैं । आँध्रप्रदेश के नूतन रेडी जो कि स्वयं आन्ध्रप्रदेश के भाजपा अध्यक्ष के साथ संगठन के कामों में सक्रिय भूमिका निभा रहें हैं