मुझे लगता है कि भाईसाहब जिस प्रकार का ज्ञान हमे प्राप्त हुआ है वह निश्चित ही हमे हमारे जीवन के हर क्षेत्र में लाभदायी होगा, मुझे इतना ही सुझाव देना है कि सत्र का समय थोड़ा और होता तो ज्ञानवर्द्धक होता, और आगामी सत्र में भाषा शैली, शब्दावली चयन, अच्छे वक्ता बनने हेतु किसी प्रकार का भी अगर सत्र हो तो वो भी बड़ा लाभदायक होगा ।